वीटो क्या है ?

विटो को सुरक्षा परिसर में किसी फैसले को लेने के लिए किया जाता है 
वीटो, लैटिन शब्द का अर्थ है "मैं निषेध करता हूँ ",   
अभ्यास में, वीटो निरपेक्ष हो सकता है (जैसे कि संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद में, इसके स्थायी सदस्य (संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, रूस और चीन) किसी प्रस्ताव को रोक सकते हैं या सीमित कर सकते हैं, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की विधायी प्रक्रिया में होता है, किसी कानून पर राष्ट्रपति का वीटो को दोनों सदन और सीनेट का दो-तिहाई वोट रद्द कर सकता है।[1]
एक वीटो किन्हीं तरह के परिवर्तनों को रोकने का; न कि उन्हें अपनाने का, संभवतः असीमित अधिकार देता है। मोटे तौर पर इसे इस तरह परिभाषित किया गया है कि वीटो अपने धारक को जो प्रभाव समर्पित करता है वह इस तरह सीधे तौर पर धारक की रुढिवादिता के आनुपातिक होता है। धारक जितना अधिक यथास्थिति के समर्थन में वीटो का प्रयोग करता है, वीटो उतना ही अधिक उपयोगी होता है।[2]
रोमन कौंसुल और ट्रिब्यून से वीटो की अवधारणा पैदा हुई है। किसी वर्ष विशेष में पदावरूढ़ दो कौंसुलों में से कोई एक अन्य के द्वारा किये गये सैन्य या नागरिक निर्णयों को रोक सकता था; किसी भी ट्रिब्यून को अधिकार था कि वह रोमन सीनेट द्वारा पारित कानून को एकतरफा रोक ले
संयुक्त राष्ट्र की 1945 में स्थापना के बाद से सोवियत संघ या रूस ने सुरक्षा परिषद में 120 बार वीटो का इस्तेमाल किया है. इस विशेषाधिकार का इस्तेमाल करनेवाले स्थाई सदस्यों में अमरीका का नंबर दूसरा है, जिसने 76 बार वीटो का इस्तेमाल किया है. ब्रिटेन ने 32 बार, फ़्रांस ने 18 बार जबकि चीन ने 5 बार वीटो का इस्तेमाल किया है
सुरक्षा परिषद में किसी प्रस्ताव को पारित कराने के लिए नौ वोटों की ज़रूरत होती है. उल्लेखनीय है कि परिषद के पाँच स्थाई सदस्यों के अलावा 10 अस्थाई सदस्य होते हैं
 
वीटो क्या है ? वीटो क्या है ? Reviewed by Pradeep kumar on December 05, 2018 Rating: 5

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