Love sad married feeling shayari
*🕊🌹खुली जो आँख तो न वो था न वो ज़माना था,*
*बस दहकती आग थी तन्हाई थी फ़साना था,*,
*🕊🌹क्या हुआ जो चंद ही क़दमों पे थक के बैठ गए,*
*तुम्हें तो साथ मेरा दूर तक निभाना था🕊🌹*
*🌹तुझे चाहा बहुत पर हक नहीं जताया कभी...*
*दोस्ती का रिश्ता भी ना खो दूं कही इसलिए सब कुछ छुपाया मैंने ...*✍😎
*ले चल कही दूर मुझे, तेरे सिवा जहाँ कोई ना हो...*
*बाँहो मे सुला लेना मुझको ,फिर कोई सवेरा ना हो...राज💞*
*जरूरी नही कि जिसमें साँसे नहीं*
*वही मुर्दा हैं..*
*जिसमें इन्सानियत नहीं हैं*
*वो कौन सा जिन्दा हैं..।।*...
*
*💔एक कत़रा ही सही आँख में पानी तो रहे*
*अए मोहब्बत तेरे होने की निशानी तो रहे*
*💔बस यही सोच के यादों को तेरी दे दी पनाह*
*इस नये घर में कोई चीज पुरानी तो रहे*💔
दर्द भी वही देते हैं , जिन्हे हक दिया जाता हो...*
*वर्ना गैर तो धक्का लगने पर भी , माफी माँग लिया करते हैं...*
💞💫 *लोग पूछते है* *वजह,,,,,तेरे मेरे*
*करीब होने की...!*
💞 💞
*बता दे उनको,,,,*
*मैं इश्क हूँ और,,, तू आदत मेरी....*🌹💫💞
*बस दहकती आग थी तन्हाई थी फ़साना था,*,
*🕊🌹क्या हुआ जो चंद ही क़दमों पे थक के बैठ गए,*
*तुम्हें तो साथ मेरा दूर तक निभाना था🕊🌹*
*🌹तुझे चाहा बहुत पर हक नहीं जताया कभी...*
*दोस्ती का रिश्ता भी ना खो दूं कही इसलिए सब कुछ छुपाया मैंने ...*✍😎
*ले चल कही दूर मुझे, तेरे सिवा जहाँ कोई ना हो...*
*बाँहो मे सुला लेना मुझको ,फिर कोई सवेरा ना हो...राज💞*
*जरूरी नही कि जिसमें साँसे नहीं*
*वही मुर्दा हैं..*
*जिसमें इन्सानियत नहीं हैं*
*वो कौन सा जिन्दा हैं..।।*...
*
*💔एक कत़रा ही सही आँख में पानी तो रहे*
*अए मोहब्बत तेरे होने की निशानी तो रहे*
*💔बस यही सोच के यादों को तेरी दे दी पनाह*
*इस नये घर में कोई चीज पुरानी तो रहे*💔
दर्द भी वही देते हैं , जिन्हे हक दिया जाता हो...*
*वर्ना गैर तो धक्का लगने पर भी , माफी माँग लिया करते हैं...*
💞💫 *लोग पूछते है* *वजह,,,,,तेरे मेरे*
*करीब होने की...!*
💞 💞
*बता दे उनको,,,,*
*मैं इश्क हूँ और,,, तू आदत मेरी....*🌹💫💞
Love sad married feeling shayari
Reviewed by Pradeep kumar
on
December 14, 2018
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