बीमारू राज्य क्या है ( what is the poor state ) india
बीमारू (BIMARU : Bihar, Madhya Pradesh, Rajasthan, and Uttar Pradesh. It was coined by) शब्द मूलतः भारत के चार राज्यों बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश.के
अंग्रेजी नाम के पहले अक्षर से गढ़ा गया एक शब्द है। इस शब्द (ऐक्रनिम) का
सर्वप्रथम प्रयोग आशीष बोस ने 1980 के दशक के मध्य में किया था।
बीमारू शब्द वस्तुतः हिन्दी शब्द "बीमार" से संबंधित है
तैंतीस साल पहले आशीष बोस द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को सौंपी रिपोर्ट में उत्तर भारत के चार बड़े राज्यों (बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) को ‘बीमारू’ राज्य की अपमानजनक पहचान दी गई थी। इसके बाद इस शब्द का बार-बार इस्तेमाल किया गया तथा उत्तर भारतीय राज्यों को हमेशा के लिए बीमार मान लिया गया और उनको गरीबी व बेरोजगारी का ताना दिया गया।
अब भी भाषा और विकास का विभाजन है। पोट्टी श्रीरामलू के अनशन के चलते मद्रास स्टेट के उत्तरी हिस्से के तेलुगू भाषी 16 जिलों को अलग कर आंध्र प्रदेश बनाया गया। केरल, जिसका अक्सर उदाहरण दिया जाता है-मानव विकास सूचकांक में पहले पायदान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे उत्तर भारतीय राज्य हमेशा की तरह निचले पायदान पर हैं (विश्व बैंक की 2016 की रिपोर्ट)। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में केरल अब भी अग्रणी है, जहां साक्षरता दर 95 फीसदी है और औसत स्कूली पढ़ाई आठ साल (इसकी तुलना में उत्तरी राज्यों में सिर्फ चार साल) है। केरल में सिर्फ 0.6 फीसदी बच्चों की एक साल से कम आयु में मृत्यु होती है, जबकि राष्ट्रीय आंकड़ा 4.1 फीसदी है; यहां 95 फीसदी घरों में शौचालय है (2011 की जनगणना)। इसके साथ ही केरल में तीन-चार किलोमीटर की दूरी पर स्वास्थ्य सेवा सुविधा उपलब्ध है, जिसका नतीजा है कि वहां के लोगों की औसत आयु 75 साल से अधिक है।
तैंतीस साल पहले आशीष बोस द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को सौंपी रिपोर्ट में उत्तर भारत के चार बड़े राज्यों (बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) को ‘बीमारू’ राज्य की अपमानजनक पहचान दी गई थी। इसके बाद इस शब्द का बार-बार इस्तेमाल किया गया तथा उत्तर भारतीय राज्यों को हमेशा के लिए बीमार मान लिया गया और उनको गरीबी व बेरोजगारी का ताना दिया गया।
अब भी भाषा और विकास का विभाजन है। पोट्टी श्रीरामलू के अनशन के चलते मद्रास स्टेट के उत्तरी हिस्से के तेलुगू भाषी 16 जिलों को अलग कर आंध्र प्रदेश बनाया गया। केरल, जिसका अक्सर उदाहरण दिया जाता है-मानव विकास सूचकांक में पहले पायदान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे उत्तर भारतीय राज्य हमेशा की तरह निचले पायदान पर हैं (विश्व बैंक की 2016 की रिपोर्ट)। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में केरल अब भी अग्रणी है, जहां साक्षरता दर 95 फीसदी है और औसत स्कूली पढ़ाई आठ साल (इसकी तुलना में उत्तरी राज्यों में सिर्फ चार साल) है। केरल में सिर्फ 0.6 फीसदी बच्चों की एक साल से कम आयु में मृत्यु होती है, जबकि राष्ट्रीय आंकड़ा 4.1 फीसदी है; यहां 95 फीसदी घरों में शौचालय है (2011 की जनगणना)। इसके साथ ही केरल में तीन-चार किलोमीटर की दूरी पर स्वास्थ्य सेवा सुविधा उपलब्ध है, जिसका नतीजा है कि वहां के लोगों की औसत आयु 75 साल से अधिक है।
बीमारू राज्य क्या है ( what is the poor state ) india
Reviewed by Pradeep kumar
on
December 06, 2018
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